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एआईसीयूएफ कर्नाटक ने फा. स्टैन स्वामी की चौथी पुण्यतिथि मनाई

बेंगलुरु, 16 जुलाई 2025: ऑल इंडिया कैथोलिक यूनिवर्सिटी फेडरेशन (AICUF) कर्नाटक ने फा. स्टैन स्वामी की चौथी पुण्यतिथि पर मानवाधिकार विषयक स्मृति व्याख्यान का आयोजन किया। यह कार्यक्रम सेंट जोसेफ प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज (SJPUC), बेंगलुरु में हुआ, जिसमें फा. स्टैन की मानवाधिकारों और हाशिए पर पड़े समुदायों के लिए आजीवन प्रतिबद्धता को श्रद्धांजलि दी गई।


कार्यक्रम की शुरुआत नेलिशा लोबो द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने फा. स्टैन के न्याय, शांति और गरिमा के दृष्टिकोण को रेखांकित किया। इसके पश्चात एआईसीयूएफ छात्र सदस्यों द्वारा सर्वधर्म प्रार्थना की गई, जो फा. स्टैन की समावेशी सोच को दर्शाती है। इसके बाद फूल अर्पण और दीप प्रज्वलन हुआ, जिसमें क्लिफ्टन डी’रोज़ारियो, शेख सलमान, थारा टी और भास्कर ने भाग लिया।


शेख सलमान ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना का जोशीला पाठ किया, जिसने न्याय, स्वतंत्रता और समानता के मूल सिद्धांतों को याद दिलाया। मुख्य वक्ता के रूप में मानवाधिकार अधिवक्ता क्लिफ्टन डी’रोज़ारियो ने फा. स्टैन के जीवन और मिशन पर प्रकाश डाला। उन्होंने आदिवासी, दलित और विचाराधीन बंदियों के लिए फा. स्टैन के अथक संघर्ष की चर्चा की और युवाओं से उनके विरासत को सक्रिय नागरिक सहभागिता के माध्यम से आगे बढ़ाने का आग्रह किया।


इसके बाद एक सार्थक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसका संचालन जैसिका शेरल सैंथमयोर ने किया। जेसविता डी’सूज़ा ने मोमबत्ती रैली की शांति और प्रतिरोध के प्रतीक रूप में प्रासंगिकता पर चिंतन प्रस्तुत किया।


एआईसीयूएफ सदस्यों के नेतृत्व में निकाली गई मोमबत्ती रैली ने विरोध, एकजुटता और आशा का प्रतीक बनकर फा. स्टैन के मूल्यों को जीवंत किया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक चित्र के साथ हुआ, जो इस मिशन को आगे बढ़ाने की सामूहिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


"हम सब फा. स्टैन हैं" — और यह यात्रा अभी जारी है।


✍️ शेख सलमान

एआईसीयूएफ समन्वयक

युवा प्रेरक, KJES

यूथ मिनिस्ट्री


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